कोरोना वायरस से प्रदेश में पहले फार्मासिस्ट जो हाथरस में कार्यरत थे की मौत हो गई है 


हाथरस जिला अस्पताल में तैनात देवेश शर्मा इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे थे
भोलेनाथ टाइम्स संवाददाता
लखनऊ। 7 जून की सुबह उन्हें बुखार के साथ कोरोना के लक्षण दिखे। उन्हें तत्काल जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज  रिफर कर भर्ती कराया गया। जहां उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ती गई और देर शाम उनकी मौत हो गई। कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हाथरस जिला अस्पताल के सभी कर्मचारियो के साथ प्रदेश के फार्मेसिस्टों में शोक व्याप्त हो गया है। उधर राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने फार्मासिस्ट देवेश शर्मा की मौत पर दुख प्रकट करते हुए कहा है कि प्रदेश के जिला अस्पताल हो या कोई भी अस्पताल की इमरजेंसी में कोविड-19 की प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए। वहां पर हर तरह का मरीज आता है और वह बिना लक्षण वाला कोरोना वायरस का मरीज भी हो सकता है। 
ऐसे में इमरजेंसी की ड्यूटी में शामिल पूरा स्टाफ खतरे में रहता है। सुनील यादव ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा है कि देवेश शर्मा के परिजनों को कोविड-19 से मृत्यु होने निर्धारित बीमा राशि के अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से राहत राशि  भी तत्काल देनी चाहिए । ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके। उन्होंने बताया देवेश शर्मा का फार्मासिस्ट पद पर तैनात हुए अभी ज्यादा समय नहीं गुजरा है। वह अपने कार्य क्षेत्र में हमेशा कर्मठ और आगे बढ़कर काम करने वाले फार्मासिस्ट में गिने जाते रहे हैं। उधर हाथरस स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल उनके परिवार के सदस्यों की कोरोना के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। इसके साथ ही इमरजेंसी ड्यूटी में साथ के लोगों की भी जांच कराई जा रही है।
*इसके पूर्व वाराणसी में रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग में तैनात फार्मेसिस्ट श्री सुनील कोरोला संक्रमित होने के कारण वाराणसी में उपचार ले रहे हैं वही आजमगढ़ के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत फार्मेसिस्ट श्री अनिल मेडिकल कॉलेज आजमगढ़ में आइसोलेशन में भर्ती हैं दोनों फार्मेसिस्टों की अभी तक जांच नेगेटिव नहीं आई है* इसलिए श्री यादव ने प्रदेश के फार्मेसिस्टों से अनुरोध किया है कि स्वयं की सुरक्षा को देखते हुए तथा अपने परिवार का ध्यान रखते हुए कार्य करते समय प्रोटोकॉल का पालन करें और पूरी सुरक्षा अपनाएं, साथ ही प्रशासन से अनुरोध किया है कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक सुरक्षा सामग्री अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए ।